Siwan-me-Rojgar

Siwan me Job | Siwan me rojgar ?

Siwan me Job : यह आज के युवा वर्ग के दिल से निकलने वाली चाह और पुकार है। सीवान जिसका नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नायको में रहे डॉ राजेंद्र प्रसाद (आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति),और मौलाना मजरुल हक़ के वजह से जाना जाता था। मगर विगत वर्षो में ये सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की वजह से जाना जाने लगा था।   

क्या कभी भी नही थी Siwan me Rojgar ?

ऐसा नहीं है कि Siwan me Job के लिए उद्योग धंदे नहीं थे। सीवान जिले में 3 चीनी मिलें और एक जूट मिल शान से चला करती थी जो विगत कई वर्षों से बंद पड़ी हैं। ये सब 1990 के दशक तक कार्यरत थी, यानी लालू जी के सरकार बनने से पहले तक सब कुछ सही था और उनके कार्यकाल में ही ये मिले बंद हो गयी। 

इन मिलो मे यहाँ के नौजवानो को सीधे रोजगार मिलता था। इसके साथ ही सीवान जिले के हज़ारो किसान गन्ने और पटसन (नगदी) फसल कि खेती करके अच्छा ख़ासा मुनाफा कमा लेते थे। और उस समय तक पलायन का कोई खास प्रभाव सिवान जिले पर नहीं पड़ा था। 

पलायन क्या है ?

पलायन बड़ा ही गंभीर शब्द है, मगर इससे समझना होगा कि, हम किसे पलायन कहेंगे। आइये एक उदहारण से समझते है अगर कोई बिहार का डॉक्टर अपने अच्छे भविष्य के लिए, किसी अन्य देश या राज्य में स्वेक्षा से जाता है तो क्या हम उसे पलायन कहेंग ??

हमारे ख्याल से तो नहीं, क्यों की अगर वह डॉक्टर चाहते तो बिहार में भी प्रैक्टिस कर सकते थे, और उनकी रोजगार पर कोई फर्क नहीं पड़ता। किन्तु वो डॉक्टर अधिक धन अर्जित करने क लिए बेहतर जगह पर चले गए, बाकी राज्य (जो विकसित माने जाते है) के लोग भी अच्छे भविष्य के लिए विदेशो में या अन्य राज्यों में जाते रहे है। 

तो फिर हम पलायन किसे कहेंगे, अगर किसी मजदूर को अपने राज्य में रोजगार नहीं मिल रहा है। और वह दो वक़्त कि रोटी कमाने के लिए अपने घर और गृह राज्य छोड़ने को मज़बूर है, तो हम उससे अवसय हि पलायन कहेंगे। और इस चीज़ को किसी भी कीमत पर रोकना पड़ेगा।  

Siwan me Job कि क्या है आज कि परिस्थिति ?

पिछले 15 सालो से बिहार मे NDA कि सरकार है। नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद, सुशील कुमार मोदी के अधीन वित्त मंत्रालय ने रिलायंस जैसे बड़े औद्योगिक घरानों के लिए निवेश के अवसर बनाने को प्राथमिकता दी। कानून और व्यवस्था में सुधार, अधिक सक्रिय नौकरशाही के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हुआ। 

अच्छी सड़के एवं औद्योगिक विकास को 135 प्रस्तावों को मंजूरी

इनके कार्यकाल में बिहार का हर जिला अच्छी सड़को से जुड़ गया और कुछ समय पस्चात इन्होने गांव गांव तक पक्की सड़क का दुर्गम कार्य भी सफलता पूवर्क पूरा कर के दिखाया।

औद्योगिक विकास के लिए, एनडीए सरकार ने मध्यम और बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए बड़े उद्यमियों द्वारा प्रस्तुत 71,289.64 करोड़ रुपये के कुल 135 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव राज्य में चीनी मिलों, इथेनॉल, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों और बिजली उत्पादन से संबंधित हैं।

किन्तु इतना करना भी काफी नही क्यों कि 1990 -2005 जब हर राज्य विकास  कि दौड़ लगा रहा था तो बिहार दौड़ना तो छोड़िये चल भी नही रहा था। उसका नतीजा ये हुआ कि आज बिहार कि विकास दर कई भारत के विकसित राज्यो से अधिक है फिर भी हम उनसे काफी पीछे दिखते है। 

क्या चाहिए Siwan me Job लाने के लिए ?

किसी भी उद्योग को चलाने के लिए कुछ आवश्यक चीजों कि जरुरत होती है जैसे कि :-

1.     जमीन 

2.     बिजली 

3.     पानी 

4.     सड़क 

5.     कामगार 

6.     अच्छी कानून व्यवस्था

7.     प्रशासनिक सहायता आदि।   

आइए एक एक करके ऊपर दिए गए हर बिन्दु पर चर्चा करते है

जमीन :-

चुकी सीवान कि अधिकत्तर भूमि कृषि योग्य है और कृषि भूमि पर उद्योग लगाने कि इजाजत ना सरकारे देती है और ना हि किसान अपनी भूमि देने को तैयार होते है। हमारे सामने बंगाल का सिंगुर आंदोलन एक जीता जागता उदहारण है, जहा टाटा को अपनी नैनो कार कि उतपादन इकाई किसानो के भारी विरोध के कारण बंगाल से गुजरात ले जाना पड़ा था।         

किन्तु हाल हि मे बिहार सरकार ने कुछ कानूनों मे बदलाव करके बंद पड़ी मिलो के जमीन का हस्तांतरण BIADA (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार) को कर दिया है जिसे अब ये जमीन उद्योग के लिए उप्लब्ध हो पाएगा। 

बिजली :-

बिजली के क्षेत्र मे बिहार ने अभूतपूर्व कार्य करके दिखाया है। 2005 मे समूचे बिहार का बिजली का खपत मात्र 700 MW था जो अप्रैल 2020 मे बढ़ कर 6384.88 MW तक पहुंच गया है। और जो निर्माणाधीन नई परियोजनाएँ हैं, ओ बिहार में कुल बिजली उत्पादन क्षमता को 12000 मेगावाट से अधिक तक ले जाएंगी।         

तो यह हमारे लिए सबसे सही समय है,अपने बिहार में या सीवान मे उद्योग लगाने का और बिहार के कामगारों को अपने राज्य में ही रोजगार देने का।  

पानी :-        

पानी की कमी कभी बिहार में रही ही नही हमारी राज्य में बहने वाली विभिन नदियों की वजह से।  

सड़क :-         

जैसा की हम आप को उपर बता चुके है कि बिहार ने सड़क निर्माण मे समूचे भारत में अपनी अलग ही पहचान बनायी  है , और आज हर जिला , हर शहर , हर गांव पक्की सड़को से जुड़ चूका है।  

कामगार :-         

जिसकी बिहार के पास शायद अगले 50 वर्ष तक कमी नही पड़ेगी, क्यों कि 25 वर्ष से कम आयु के सबसे अधिक आबादी पुरे भारत में देखा जाये तो वह बिहार मे ही है। 

कानून व्यवस्था :-        

नीतीश कुमार के सत्ता के प्रमुख उपलब्धियो मे से, ये भी है जिसमे एक अच्छी कानून व्यवस्ता का निर्माण किया गया और हम ये उम्मीद करेंगे कि हमे दोबारा जंगल राज के दौर मे ना जाना पड़े। 

प्रसाशनिक सहयोग :-        

नवंबर 2005 के बाद, बिहार सरकार ने कई कानून पेश किए हैं, जो यह उम्मीद करता है कि राज्य के उद्योगों के भविष्य के विकास में सकारात्मक योगदान प्रदान करेगा।

उद्योग के लिए बिहार मे क्या क्या नीतिया बदली है ?

2006 में ही अनेक नीतिया बनाई गयी जैसे की :-

बिहार सिंगल विंडो क्लीयरेंस एक्ट

बिहार इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एक्टिंग एक्ट।

नई औद्योगिक नीति

मूल्य वरीयता नीति

मनोरंजन, चाय प्रसंस्करण और चीनी क्षेत्रों के लिए नई नीति की पहल

निजी क्षेत्र में उच्च तकनीकी संस्थानों की स्थापना के लिए नीति

वैट व्यवस्था का सरलीकरण आदि।

क्या है भविष्य मे संभावनाएं

तो फिर Siwan me Job कैसे आएंगे ?

देखा जाये तो बिहार के विकास के लिए इससे उत्तम समय नही हो सकता, क्यो कि जो उद्योग धंधो कि बुनियादी आवश्यकता होती है वह बिहार मे प्रायप्त मात्रा मे है। जैसा कि हम जानते है अपने सिवान जिले का साक्षरता दर 71.59%, 2011 कि जन गणना के हिसाब से, जो कि बिहार की साक्षरता दर 61.80 % से लगभग 10 % अधिक है। कहने का मतलब ये है कि हमारे पास एक अच्छा खासा पढ़ा लिखा वर्ग है, जो बिहार के विकास मे अपना योगदान दे सकता है। 

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अब जरुरत ये है कि राज्य सरकार हर क्षेत्र का व्यापक सर्वे कराये और पता लगाए कि किस जिले मे कौन सी कृषि उत्पाद अधिक और गुणवत्ता भरी है। जिसे कि उस जिले में सम्बंधित खाद प्रस्करण के संयंत्र लगाने का काम या तो राज्य करे या निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करे। इससे ये होगा कि हमारे किसानो को नगदी फसल का एक विकल्प मिल जायेगा और बहुत हद तक पलायन रोकने मे मदद मिलेगी।   

ऊपर दी गई जानकारी कैसी लगी, कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताए।

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