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Industry in Bihar | कैसे और कब आएगी ?

Industry in Bihar : जैसा की हमने अपने पिछले लेख मे बताया कि बिहार मे Industry क्यू नहीं है। आज हम चर्चा करेंगे कि किसी भी जगह पर इंडस्ट्री कैसे लगती है। और वो कौन से मुख्य कारक होते है Industries के लिए। हम इसकी भी चर्चा करेंगे कि क्या मौजूदा समय मे ये सारी चीजे बिहार के पास है ?

क्या चाहिए Industry in Bihar के लिए ?

बिहार मे या किसी भी जगह पर Industry या कोई रोजगार के साधन पनपने के लिए मुख्य रूप से 5 चीजों कि जरूरत होती है।  

  • Land
  • Labour
  • Capital
  • Infrastructure
  • Entrepreneurship

Land for Industry– जमीन

जमीन कि कोई खास कमी बिहार मे नहीं है। हा ये जरूर है कि झारखंड के बटवारे के बाद जो जमीन अधिक उपजाऊ नहीं थी, वह झारखंड के हिस्से मे चली गई। देखा जाए तो ऐसी ही जमीन कल कारखाने या कहे तो Industry लगाने के लिए उपयुक्त होती है।

बिहार के पास जो जमीन है वो अधिकतर कृषि कार्य के लिए अनुकूल है। फिर भी बिहार के पास पर्याप्त जमीन मौजूद है Industry In Bihar के लिए। पिछले दिनों बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बताया कि मौजूदा समय मे बिहार के पास 2200 एकड़ ज़मीन है। ये ज़मीन उन बंद पड़ी चीनी मिलों की है जो लालू राज या उससे पहले बंद हुई थी।

Labour – कामगार

जहा तक लेबर की बात है तो इस बारे में बात करना भी बेईमानी होगी। क्यों की जब देश में लॉकडाउन लगाया गया था, तब तकरीबन 40 लाख कामगारों ने बिहार लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था।

बिहार सरकार के पास कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है पर हम इससे अंदाजा लगा सकते है कि कितनी बड़ी कामगारों कि फौज है बिहार के पास। अब जरूरत है की इतनी बड़ी कामगारों की प्रतिभा का लाभ बिहार भी उठावे और बिहार के विकास में ये अपना योगदान दे सके।

Capital for Industry – पूंजी

ऊपर दिए तमाम कारणों में से अगर देखे तो कैपिटल या पूंजी की हमेशा से कमी रही है बिहार में। आजादी के समय से ही देखा जाए तो पूंजी या कैपिटल के मामले में बिहार के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया गया है। अगर हम बात करे बिहार सरकार के पास उपलब्ध पूंजी की तो ये जाहिर सी बात है कि उसके पास इतना धन नहीं है। और ना ही बिहार सरकार अपने दम पर नए उद्योग लगाने के लिए पूंजी उपलब्ध करा सकती है।

फिर सवाल ये उठता है कि कहा से पूंजी आएगा बिहार में उद्योग लगाने के लिए ? इस परिस्थिति में तो केंद्र सरकार को कोई विशेष पैकेज बिहार को देना चाहिए। ताकि बिहार भी देश की विकास की दौड़ में कदम से कदम मिला कर चल सके। बिना बिहार के विकास के भारत का विकास भी संभव नहीं है।

और ये पैकेज बिहार पर कोई एहसान नहीं होगा बल्कि बिहार का हक है। चूकि झारखंड के बटवारे के बाद सारी इंडस्ट्री और खनिज संपदा भी झारखंड के हिस्से में चली गई। और जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना बाकी है उसका भी अब हिसाब हो जाना चाहिए।

Infrastructure for Industry – आधारभूत संरचना 

किसी भी व्यवसाय या Industry को लगाने के लिए कुछ आधारभूत ढांचे कि भी आवश्यकता होती हैं। इनमे शामिल है अच्छी सड़के, निर्बाध बिजली की आपूर्ति, पानी कि व्यवस्था आदि। मौजूदा हालात में देखा जाए तो ये सारी चीज़े बिहार के पास उपलब्ध हो गई है जो पहले नहीं थी।

अगर हम बात करे बिजली की तो बिहार ने इस क्षेत्र में एक बहुत बड़ी छलांग लगाई है बीते पंद्रह वर्षो में। जहां 2005 में समूचे बिहार का बिजली खपत मात्र 700 MW था जो अप्रैल 2020 में बढ़ कर 6384.88 MW तक पहुंच गया है। और जो निर्माणाधीन बिजली परियोजनाएं है, वो बिहार में बिजली उत्पादन को 12000 MW से अधिक ले जाएंगी।

और पानी की कमी कभी बिहार में रही ही नही हमारे राज्य में बहने वाली विभिन नदियों की वजह से। जैसा की हम सब जानते है कि बिहार ने सड़क निर्माण मे समूचे भारत में अपनी अलग ही पहचान बनायी है। आज बिहार का हर जिला, हर शहर, हर गांव पक्की सड़को से जुड़ चूका है।

Entrepreneurship – उधमिता

इसका मतलब हुआ ऐसा कोई व्यक्ति या समूह जो राज्य में उद्योग लगाना चाहता हो। ऐसा कोई व्यक्ति जिसमें रिस्क लेने की क्षमता हो, जो StartUps की बात करता हो। मगर दुर्भाग्य की बात है कि ऐसे बहुत ही कम बिहारी है जो बिहार में उद्योग लगाने में दिलचस्पी रखते हो। आज बिहारियों की लगभग 1200 Factories अकेले महाराष्ट्र में चल रही है। अगर ये Factories बिहार में होती तो क्या यहां के युवाओं को रोजगार नहीं मिलता ?

अगर बिहार सरकार अपने दम पर उद्योग लगाने में सक्षम नहीं है, तो क्या जो समृद्ध बिहारी लोग है उनको आगे आकर बिहार कि विकास यात्रा में शामिल नही होना चाहिए ?

ये भी पढे :
Industry In Bihar |क्यू नहीं है aur कौन है जिम्मेदार ??

निष्कर्ष

ऊपर चर्चा किए गए तमाम विषयों को देखा जाए तो ये निष्कर्ष निकल कर आता है कि, हम हर चीज के लिए सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रह सकते। इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं की हम सरकार से सवाल पूछना छोड़ दे। हमें अपने हक की मांग करते रहना चाहिए। इस बार के विधानसभा चुनाव मे लोगों को अपने नेताओ से मांग करना चाहिए कि, यहा भी Industries लगवाए ताकि बिहारियों को बिहार मे ही रोजगार मिल सके।

ऊपर दी गई जानकारी कैसी लगी, कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताए।

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