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बिहार मे निवेश के लिए सरकार ने खोला सहूलियत का पिटारा !!

बिहार कैबिनेट का निवेश को लेकर अहम फैसला

राज्य सरकार ने बिहार मे निवेश आकर्षित करने के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 को संशोधित कर दिया है। नीति के संशोधन प्रस्ताव शुक्रवार को हुए मुख्यमंत्री कि अध्यक्षता मे, कैबिनेट मीटिंग मे मंजूरी प्रदान कर दी गई। इसके तहत नए निवेश करने वालों के लिए काफी सहूलियत वाले फैसले किये गए है। बिहार सरकार अब पूरी तरह मेक इन इंडिया कि तर्ज पर मेक इन बिहार पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

किस प्रकार के निवेश को प्राथमिकता मिलेगी

ऑटोमोबाइल, कृषि, आईटी और रक्षा संबंधी उपकरणों कि उत्पादन करने वाली इकाइयों को इस नई प्रोत्साहन नीति मे प्राथमिकता प्रदान कि गई है। इस कोरोना काल मे अगर कोई इकाई को बिहार मे स्थानतारण करना चाहती है तो, उस सूरत मे बिहार सरकार शिफ्टिंग कि खर्च भी प्रदान करेगी।

बिहार मे रक्षा क्षेत्र को मे निवेश को अधिक महत्त्व

राज्य कि नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, मैक इन इंडिया पर भी ध्यान केंद्रित करता है। रक्षा क्षेत्र कि इकाइओ को भी प्राथमिकता सूची मे रखा गया है। और इस क्षेत्र मे निवेश के लिए प्रोत्साहन पैकेज कि भी व्यवस्था कि गई है नीति मे। प्रमुख रूप से हथियार, गोल- बारूद और इससे बनाने वाली इकाइया शामिल होंगी, जो उत्पादन इकाई और Machinery मे 500 करोड़ का निवेश करेगी। और अपने इकाई मे कम से कम 500 बिहारी श्रमिकों को सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध करेगी।

निवेशकों को अधिकतम 30 दिन मे डीम्ड क्लीरन्स मिलेगी

सरकार ने इसे अब पाँच साल के लिए यानि वर्ष 2025 तक के लिए प्रभावी कर दिया है । निवेशकों को कोई दिकत नया हो इसके लिए उद्योग लगाने वालों को डीम्ड क्लीरन्स मिलेगी। यानि 30 दिन मे किसी विभाग ने एनओसी नहीं दी तो उसे स्वतः स्वीकृत मान लिया जाएगा। निवेश का दायरा बढ़ाते हुए कम से कम 25 लाख के निवेश या 25 बिहारी श्रमिकों को काम प्रदान करने वाली इकाई, नीति के तहत ब्याज अनुदान, जीएसटी, कि प्रतिपूर्ति सहित अन्य लाभ ले सकेगी.

कब मिलेगा शिफ्टिंग खर्च

इस कोरोना वैश्विक महामारी के दौर मे बिहार लौटने वालों को यही रोकने के लिए नीति मे नया कोविड चैप्टर जोड़ा गए है। ऐसी इकाइयों को यहा एक साल मे 25 % और तीन साल मे पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू करना होगा। सरकार उन इकाइयों को शिफ्टिंग के खर्च के साथ ही एक साल तक कच्चा माल लाने के लिए खर्च का 80 % भी प्रादन करेगी।

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राज्य मे कृषि, खाद्य, आईटी क्षेत्रों का दायरा बढ़ा

खाद्य प्रसंस्करण पहले से प्राथमिकता मे है लेकिन अब उसका दायरा बढ़ा दिया गया है। वेयर हाउस, कोल्ड चेन और बॉटलिंग प्लांट भी अब इसमे शामिल होंगे। इसी तरह आईटी, इलेक्ट्रानिक्स और इलेक्ट्रिकल का दायरा बढ़ाते हुए उसमे वाइरिंग, इलेक्ट्रिक लाइटिंग, ट्रैन्स्फॉर्मर, जनरेटर, विद्युत वितरण control appliances आदि भी शामिल होंगी। इसी तरह कृषि क्षेत्र मे लघु यंत्र निर्माण इकाई जैसे टिशू कल्चर लैब, क्रॉप केयर, केमिकल इकाइयों और गैर कृषि संयंत्र निर्माण को अब प्राथमिकता मिलेगी।

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