Bihar-me-nayi-karobaar-niti

बिहार में मौजूदा कारोबार नीति बदलेगी

बिहार में मौजूदा कारोबार नीति बदलेगी: बिहार की उद्योग और कारोबार नीति बदलेगी। आवश्यकता हुई तो नई नीतियां भी बनाई जाएंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इसको लेकर हमलोगों ने चर्चा की है। अधिक-से-अधिक रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा हों, इसके लिए अनेकों काम किए जा रहे हैं। सभी संबंधित विभागों को इसमें लगाया गया है।

बिहार में मौजूदा कारोबार नीति बदलेगी

बाहर के राज्यों से आए बिहारी श्रमिकों को रोजगार व स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध कराने को होगा संशोधन। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी श्रमिक बाहर से आए हैं, उन्हें मजबूरी में अब फिर बाहर नहीं जाना पड़े। सभी को यहीं रोजगार मिले, यही हमलोग चाहते हैं।

लॉकडाउन के दौरान इन श्रमिकों ने दूसरे राज्यों में बहुत कष्ट उठाया है। वहां की कंपनियों ने इन्हें मदद मुहैया नहीं कराया, जबकि ये लोग उन्हीं की सेवा में लगे थे। हमें यह ठीक नहीं लगा है, मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सेवा करना हमारा दायित्व है और हम सेवा करते रहेंगे।

देश एक है, यहां कोई प्रवासी नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल देश में प्रवासी शब्द खूब चल रहा है। उन्होंने इस शब्द पर ऐतराज जताया और कहा कि देश एक है। सबकी नागरिकता एक है, तो फिर प्रवासी कैसे ? यहां कोई प्रवासी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमसब मिलकर ऐसा माहौल बनाएंगे कि बिहार में कोई संकट उत्पन्न नहीं हो। समाज में विवाद नहीं हो, आपस में प्रेम, भाईचारा और सद्भाव का माहौल बना रहे।

पंचायतें सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का अभियान चलाएं

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे घरों से निकले अथवा किसी से मिलें तो मास्क जरूर पहनें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, हर जगह साफ-सफाई का ध्यान रखें। कोरोना से बचाव का यही प्रभावी उपाय है। उन्होंने पंचायत और नगर के जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इसके लिए वे लोगों को प्रेरित करें।

इसके लिए अभियान चलाएं। कहा कि पंचायत व निकाय के जन प्रतिनिधियों में बहुत क्षमता है। कोरोना से लड़ाई में उनलोगों का भरपूर सहयोग मिला है। कोरोना से हमें डरना नहीं बल्कि सजग और सचेत रह कर डट के लड़ना है। सब मिलकर काम करेंगे तो निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण से मुक्त होंगे।

5300 खर्च हो रहे है प्रति व्यक्ति क्वारंटाइन केंद्रों पर

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटाइन केंद्रों में बाहर से आए लोगों को 14 दिनों तक रखा जा रहा है। इन पर सरकार द्वारा औसतन प्रति व्यक्ति 5,300 रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान अब तक सरकार द्वारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 8538 करोड़ 52 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

बेडो की उपलब्धता को बढ़ाकर 40 हजार किया जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिलते हैं, उन्हें आइसोलेशन केंद्रों पर रखा जा रहा है। आइसोलेशन केंद्रों में 13,496 बेड की उपलब्धता है, जिसे बढ़ाकर 40 हजार किया जाएगा। कोरोना से संक्रमित गैर लक्षणों वालों को इन केंद्रों पर रखा जाएगा।

इसके साथ ही अगर संक्रमण के हल्के लक्षण हों तो अनुमंडल कोविड हेल्थ सेंटरों और कोरोना से ज्यादा बीमार लोगों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बुधवार को कोरोना उन्मूलन के जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित किया और सभी ग्राम पंचायतों, नगर निकायों के प्रतिनिधियों और जीविका दीदियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग एवं वेब कास्टिंग के जरिये बात की।

ये भी पढे :

सिवान में रोज़गार

सिवान और गोपालगंज में खाड़ी देशों से आई समृद्धि की लहर

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *